पाक रूह हम यीशु के प्यासे हैं ..
ख़ाली दामन हैं ख़ाली कासे हैं ..
कोई तृष्णा यहाँ से न लौटे ..
झोलियाँ ख़ूब भरना चाहते हैं ..
१. तेरी सूरत खुदा की सूरत है ..
तेरी सीरत मसीह की सीरत है ..
कर करम आज अपने लोगों पर ..
पाक यीशु से मिलना चाहते हैं ..
पाक रूह हम यीशु के प्यासे हैं ..
२. ऐ खुदा रूह हमें सिखाता जा ..
गलबा मोज़ी पे तू दिलाता जा ..
साथ ईमान भी बढ़ाता जा ..
हाथ अपने उठाये आते हैं ..
पाक रूह हम यीशु के प्यासे हैं ..
३. तेरी साँसे खुदा की साँसे हैं ..
तेरी बातें मसह की बातें हैं ..
बंधनों से रिहाई पाएंगे ..
खून-ए-यीशु से धुलना चाहते हैं ..
पाक रूह हम यीशु के प्यासे हैं ..
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