महफ़िल मसीहा की ..शाम भी मसीहा की ..
ये महफ़िल सजाने .. आए हैं हम ..
मसीहा से मिलेंगे .. मसीहा से कहेंगे ..
तेरे गीत गाने .. आए हैं हम ..
१. मसह की फरमानी की .. उकाबों की जवानी की ..
शिफ़ा-ए-अफ्ज़ानी की .. हमें आरज़ू ..
मसह से भर जायेंगे .. हवा में उड़ जायेंगे ..
तेरे रूह से भरने .. आए हैं हम ..
२. मसीहा ही सहारा है .. मसीहा जां से प्यारा है ..
गुनाहों का कफ़ारा है .. ज़िन्दा खुदा ..
मीठी मीठी ज़िन्दगी .. रूहों की ताज़गी ..
नई जोत लेने आए है हम ..
३. नज़र है मसीहा पर .. फखर है मसीहा पर ..
ईमान है मसीहा पर .. मसीहा तू आ ..
है दुल्हन मुन्तज़र .. नज़र अफलाक पर ..
नगारे को सुनने .. आए हैं हम ..
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