आँधियाँ बन के आएं ..
ज़िन्दगी के फिकर ..
कौन है तेरा रचनेवाला ..
है भरोसा तेरा किधर ..
गिन गिन के स्तुति करो ..
बेशुमार उसके दानों के लिए ..
अब तक उसने संभाला हमें ..
अपनी बाँहों में लिए हुए ..
गिन गिन के स्तुति करो ..
१. तेरे शत्रु का निशाना ..
तुझ पर होगा न सफ़ल ..
आँखों की पुतली जैसे ..
वो रखेगा तुझे अटल ..
गिन गिन के स्तुति करो ..
२. आए तुझे जो मिटाने ..
वे शस्त्र होंगे बेअसर ..
तेरा रचनेवाला तुझ पर ..
रखता है अपनी नज़र ..
गिन गिन के स्तुति करो ..
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