एक बारिश की तरह,
एक अग्नि के समान
या गिर जाये मुजपे,
एक चादर के समान
या गिर जाये मुजपे,
एक चादर के समान
हो दुगना, और ताज़ा
हो अभिषेक, आज मुजपे
हो दुगना, दुगना , पहले से ज़्यादा, ज़्यादा
हो अभिषेक, आज मुजपे
1.अभिषेक कर दे,
मुझे तेरी रूह से
की मैं बन सकु,
हु-बा-हू तेरे जैसे
2.तेरी नज़रों से मैं देख सकु,
तेरी बातों को मैं सुन सकु
एक ऐसी कृपा,
कर दे मुझपे येशु
हो अभिषेक, आज मुजपे
हो दुगना, दुगना , पहले से ज़्यादा, ज़्यादा
हो अभिषेक, आज मुजपे
1.अभिषेक कर दे,
मुझे तेरी रूह से
की मैं बन सकु,
हु-बा-हू तेरे जैसे
2.तेरी नज़रों से मैं देख सकु,
तेरी बातों को मैं सुन सकु
एक ऐसी कृपा,
कर दे मुझपे येशु
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